By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Pahadi.inPahadi.inPahadi.in
Notification Show More
Font ResizerAa
  • होम
  • उत्तराखंड
  • चारधाम यात्रा 2025
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • खेल
  • सेहत
Reading: पिनोली गांव की भागीदारी से सजी स्याल्दे बिखौती का ऐतिहासिक मेला, ओड़ा भेटने की परंपरा ने मोहा मन
Share
Font ResizerAa
Pahadi.inPahadi.in
Search
  • होम
  • उत्तराखंड
  • चारधाम यात्रा 2025
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • खेल
  • सेहत
Follow US
Pahadi.in > News > उत्तराखंड > पिनोली गांव की भागीदारी से सजी स्याल्दे बिखौती का ऐतिहासिक मेला, ओड़ा भेटने की परंपरा ने मोहा मन
syalde bikhauti mela 2025
उत्तराखंड

पिनोली गांव की भागीदारी से सजी स्याल्दे बिखौती का ऐतिहासिक मेला, ओड़ा भेटने की परंपरा ने मोहा मन

Admin
Last updated: अप्रैल 16, 2025 3:25 अपराह्न
Admin
Published अप्रैल 16, 2025
Share
SHARE

Syalde Bikhauti Mela द्वाराहाट (अल्मोड़ा):वैशाख माह की पहली तिथि को पाली पछाऊं क्षेत्र में स्याल्दे बिखौती का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मेला बड़े धूमधाम से आयोजित हुआ। इस मेले में पिनोली गांव सहित आल और गरख दलों की विशेष भागीदारी रही, जिसमें हजारों ग्रामीणों ने परंपरागत वेशभूषा में ढोल-नगाड़ों, रणसिंघों और भगनौलों के साथ ओड़ा भेटने की रस्म अदा की।

Contents
इतिहास से जुड़ा सांस्कृतिक वैभव2025 का आयोजन: आल और गरख दलों ने निभाई परंपरा🎶 झोड़ों में झलकी सामाजिक चेतनारंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बनी आकर्षणजलेबी बनी आकर्षण का केंद्र

इतिहास से जुड़ा सांस्कृतिक वैभव

स्याल्दे बिखौती मेला अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट कस्बे और उसके पास स्थित विभाण्डेश्वर मंदिर में दो भागों में आयोजित होता है। पहला भाग चैत्र मास की अंतिम तिथि को विभाण्डेश्वर मंदिर में और दूसरा वैशाख माह की पहली तिथि को द्वाराहाट बाजार में होता है। इस मेले की परंपरा इतनी पुरानी है कि इसका प्रारंभिक समय ज्ञात नहीं, परंतु यह माना जाता है कि शीतला मंदिर में श्रद्धालु वर्षों से देवी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते आए हैं।

एक प्राचीन घटना में दो दलों के बीच संघर्ष हुआ और एक दल के सरदार का सिर काटकर जिस स्थान पर गाड़ा गया, वहाँ एक पत्थर रख दिया गया जिसे “ओड़ा” कहा जाता है। अब यही पत्थर स्याल्दे मेले का केंद्र बिंदु बन गया है, जहाँ ओड़ा भेटने की परंपरा निभाई जाती है।

2025 का आयोजन: आल और गरख दलों ने निभाई परंपरा

इस वर्ष भी मेले में गरख दल की ओर से सलना, बसेरा, असगोली, कोटीला, छतगुल्ला, बूंगा, सिमलगांव सहित 14 गांवों ने भाग लिया जबकि आल दल की ओर से पिनोली, तल्ली-मल्ली मिरई, विजयपुर, किरोली, डढोली, मल्ली मिरई के नगाड़ों और निशानों ने मेले में रंग भर दिया।

रात्रि में विभाण्डेश्वर मंदिर में मशालों की रोशनी में लोकनर्तकों की टोलियां पहुंचीं। हुड़के, चिमटे और बीन-बाजे की धुनों पर झोड़ा और भगनौले गीतों ने माहौल को संगीतमय बना दिया।

🎶 झोड़ों में झलकी सामाजिक चेतना

युवाओं ने लोकगीतों और झोड़ों के माध्यम से वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों को प्रस्तुत किया – “सरकारी स्कूला बंद हुणि छन, नान लगूनी सूट” जैसे गीतों में शिक्षा, रोजगार, और पानी की समस्याएं उजागर की गईं।

रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बनी आकर्षण

शीतलापुष्कर मैदान में देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। गोलू गाथा, गढ़वाली- कुमाउनी लोकनृत्य, पारंपरिक गायन और झोड़े की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को बांधे रखा। गेवाड़ सांस्कृतिक कला मंच, यूनिवर्सल कान्वेंट स्कूल, एमडी तिवारी इंटर कॉलेज समेत कई टीमों ने भाग लिया।

जलेबी बनी आकर्षण का केंद्र

पारंपरिक रूप से मेले में जलेबी खाना विशेष माना जाता है। इस बार भी द्वाराहाट बाजार की गलियां जलेबी के स्वाद से महक उठीं।

सांस्कृतिक मूल्यों के क्षरण के इस दौर में स्याल्दे बिखौती मेला आज भी अपनी परंपराओं को जीवंत रखे हुए है। पिनोली गांव जैसे क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी ने यह सिद्ध किया कि लोक परंपराएं आज भी जनमानस में गहराई से बसी हैं।

यह समाचार विभिन्न ऑनलाइन स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है।

You Might Also Like

Uttarakhand Panchayat Elections 2025 पर हाईकोर्ट की रोक

हरिद्वार में 14 से 23 जुलाई तक स्कूल बंद, Kanwar Yatra 2025 के चलते छुट्टियों का ऐलान

चारधाम यात्रा में फिर हादसा: केदारनाथ लौट रहा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, 7 श्रद्धालुओं की मौत

विवादित बयान के बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल(Premchand Aggarwal) का इस्तीफा: उत्तराखंड की राजनीति में हलचल

Uttarakhand News : उत्तराखंड में 15 स्थानों के नाम बदले गए: शिवाजी नगर बना औरंगजेबपुर, विपक्ष ने किया विरोध

Share This Article
Facebook Email Print
Leave a Comment

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

© Pahadi.in 2025. All Rights Reserved.
Go to mobile version
pahadi.in pahadi.in
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?