चारधाम यात्रा 2025: आज से शुरू हुआ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, जानें महत्वपूर्ण नियम और सुरक्षा उपाय

पवित्र चारधाम यात्रा 2025(chardham Yatra 2025) का पंजीकरण आज, 20 मार्च 2025 से शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं को इस यात्रा का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है। यह यात्रा 30 अप्रैल से विधिवत रूप से प्रारंभ होगी, जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में भाग लेते हैं, इसलिए इस बार प्रशासन ने यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष तैयारियां की हैं।

ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया

चारधाम यात्रा के लिए इच्छुक श्रद्धालु उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाकर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान आधार कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य होगा।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. रजिस्टर या लॉगिन विकल्प पर क्लिक करें।
  3. मोबाइल नंबर की मदद से लॉगिन करें।
  4. आवश्यक जानकारी जैसे नाम, राज्य, आधार कार्ड विवरण भरें।
  5. पंजीकरण पूरा करें और पुष्टि प्राप्त करें।

इस वर्ष कुल 60% पंजीकरण ऑनलाइन किए जाएंगे, जबकि शेष 40% पंजीकरण ऑफलाइन उपलब्ध रहेगा। हरिद्वार और ऋषिकेश सहित कई स्थानों पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए जाएंगे, जो यात्रा के शुरुआती 15 दिनों तक 24 घंटे खुले रहेंगे।

चारधाम यात्रा (chardham Yatra 2025) के कपाट खुलने की तिथियाँ

  • गंगोत्री और यमुनोत्री धाम: 30 अप्रैल 2025
  • केदारनाथ धाम: 2 मई 2025
  • बद्रीनाथ धाम: 4 मई 2025
  • हेमकुंड साहिब: 25 मई 2025

यात्रा मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था

पिछले वर्षों की कठिनाइयों से सबक लेते हुए इस बार यात्रा मार्गों पर सुरक्षा और सुविधा को लेकर प्रशासन ने व्यापक इंतज़ाम किए हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए कटापत्थर और हरबर्टपुर बस अड्डे पर दो नई चेकपोस्ट बनाई जा रही हैं। इन चेकपोस्ट्स की मदद से भीड़ नियंत्रण और सुचारू यातायात सुनिश्चित किया जाएगा।

यात्रा मार्ग

चारधाम यात्रा मुख्य रूप से ऋषिकेश से प्रारंभ होती है और वहां से श्रद्धालु गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा करते हैं।

  1. गंगोत्री और यमुनोत्री – हरिद्वार/ऋषिकेश से उत्तरकाशी होते हुए जाना होता है।
  2. केदारनाथ – रुद्रप्रयाग और सोनप्रयाग से होते हुए गौरीकुंड तक बस सेवा है। वहां से पैदल या हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है।
  3. बद्रीनाथ – रुद्रप्रयाग और जोशीमठ होते हुए पहुँचा जाता है।

महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

  1. सही मोबाइल नंबर दर्ज करें: ताकि पंजीकरण संबंधी सूचनाएं मिलती रहें।
  2. धामों में दर्शन टोकन अनिवार्य रूप से प्राप्त करें।
  3. गर्म कपड़े, छतरी, रेनकोट, आवश्यक दवाइयां साथ रखें।
  4. वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं।
  5. हेली यात्रा के लिए टिकट heliyatra.irctc.co.in पर बुक करें।
  6. अनधिकृत व्यक्तियों से हेली टिकट या दर्शन सुविधा न लें।
  7. यात्रा मार्ग पर स्वच्छता बनाए रखें, कचरा न फैलाएं।
  8. वाहन की गति नियंत्रित रखें और सुरक्षित स्थान पर पार्क करें।
  9. स्वास्थ्य खराब होने पर यात्रा स्थगित करें।

हेलीकॉप्टर सेवा

जो श्रद्धालु पैदल यात्रा करने में असमर्थ हैं, उनके लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई गई है।

  • केदारनाथ के लिए हेली सेवा: यह सेवा फाटा, गुप्तकाशी और सिरसी से संचालित होती है।
  • टिकट बुकिंग: IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।
  • कीमत: हेलीकॉप्टर टिकट की कीमतें मौसम और डिमांड के अनुसार बदल सकती हैं।

मौसम और यात्रा के लिए आवश्यक तैयारी

चारधाम यात्रा के दौरान मौसम काफी बदलता रहता है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और बारिश सामान्य होती है, इसलिए यात्रियों को गर्म कपड़े, रेनकोट, ट्रेकिंग शूज और छाता लेकर चलने की सलाह दी जाती है।

यात्रा से पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य किया गया है, विशेषकर बुजुर्ग यात्रियों और हृदय रोगियों के लिए। ऑक्सीजन लेवल की जांच और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री भी साथ रखने की सलाह दी जाती है।

होटल और ठहरने की व्यवस्था

यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर होटल, धर्मशाला और लॉज की व्यवस्था की गई है। ऑनलाइन बुकिंग विकल्प भी उपलब्ध है।

  • बद्रीनाथ और केदारनाथ में जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) के गेस्ट हाउस बुक किए जा सकते हैं।
  • धार्मिक ट्रस्टों द्वारा संचालित धर्मशालाएँ भी उपलब्ध हैं।

यात्रा के दौरान सतर्कता और अनुशासन

  1. सुनिश्चित करें कि आपकी मेडिकल किट में जरूरी दवाएं मौजूद हों।
  2. यात्रा के दौरान प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
  3. खराब मौसम के दौरान यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थान पर रुकें।
  4. अधिक ऊंचाई पर जाने से पहले उचित अनुकूलन (Acclimatization) करें।
  5. पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखें और कूड़ा कचरा निर्धारित स्थान पर ही डालें।

चारधाम यात्रा (chardham Yatra 2025) का आध्यात्मिक महत्व

चारधाम यात्रा को हिंदू धर्म में मोक्षदायिनी यात्रा माना जाता है। भगवान विष्णु के बद्रीनाथ धाम, भगवान शिव के केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री का विशेष धार्मिक महत्व है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इन तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हैं।

यात्रा से संबंधित सहायता

यदि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान कोई समस्या होती है, तो वे निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:

चारधाम यात्रा 2025 में शामिल होने वाले श्रद्धालु अपनी यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाने के लिए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें और समय पर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें।

Note: यह समाचार ऑनलाइन उपलब्ध समाचारों, लेखों और पोस्ट्स पर आधारित है। हम इसकी पूर्ण सत्यता की गारंटी नहीं देते हैं और किसी भी प्रकार की गलत जानकारी के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।

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